Wednesday, July 19, 2017

नग्मे

221-2121-1221-212

*यूँ हसरतों के दाग मुहब्बत में धो लिए,
फिर दिल से दिल की बात कही और रो दिए ।

*दिल ढूँढता है फिर वही फुरसत के रात दिन ।

   

1 comment:

  1. मान्यवर
    धो लिए की बजाय दो लिए टाइप हो गया है.
    सुधार लें.

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