Monday, July 2, 2018

तकती : कभी तन्हाइयों में यूँ

#तकती बहर

फ़िल्म फिर हमारी याद आएगी का एक औऱ गीत
संगीतकार स्नेहल भटकर गीतकार केदार शर्मा ,गायक / मुबारक बेगम
ओर बोल

कभी तनहाइयों में यूँ
हमारी याद आएगी
अंधेरे छा रहे होंगे
के बिजली कौंध जाएगी
कभी तनहाइयों में यूँ...

ये बिजली राख कर जएगी तेरे प्यार की दुनिया - २
ना फिर तू जी सकेगा और, ना तुझको मौत आएगी
कभी तनहाइयों में यूँ...

1222/1222/1222/1222

***

दोस्तो अब इसी धुन औऱ बहर पर एक बहुत ही बेशकीमती गीत ....गुनगुनाइए ...इस गीत कु अपनी धुन भूल जाइए ,......Or vice versa
फ़िल्म तीसरी कसम  का , शंकर-जयकिशन जी के संगीत पर  शैलेन्द्र जी द्वारा कलम बद्द किया और मुकेश जी का गाया ....

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है
न हाथी है न घोड़ा है
वहाँ पैदल ही जाना है

तुम्हारे महल चौबारे
यहीं रह जायेंगे सारे
अकड़ किस बात की प्यारे
ये सर फिर भी झुकाना है
सजन रे झूठ...

*****

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