दोस्तो फिर हाज़िर हुआ हूँ एक और गीत लेकर ।
फ़िल्म- मेरे हमदम मेरे दोस्त, गीत- मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गायक- मोहम्मद रफ़ी
ये गीत भी दो बहरों का संगम है गौर कीजियेगा
मुखड़ा :
हुई शाम उनका ख़्याल आ गया
वही ज़िन्दगी का सवाल आ गया
( ख्याला गया )
122-122-122-12
अंतरा :
अभी तक तो होंठों पे था
तबस्सुम का इक सिलसिला ।
122-122-12
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फ़िल्म- मेरे हमदम मेरे दोस्त, गीत- मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गायक- मोहम्मद रफ़ी
ये गीत भी दो बहरों का संगम है गौर कीजियेगा
मुखड़ा :
हुई शाम उनका ख़्याल आ गया
वही ज़िन्दगी का सवाल आ गया
( ख्याला गया )
122-122-122-12
अंतरा :
अभी तक तो होंठों पे था
तबस्सुम का इक सिलसिला ।
122-122-12
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