Sunday, June 10, 2018

तकती: हूई शाम उनका ख्याल आया गया है ।

दोस्तो फिर हाज़िर हुआ हूँ एक और गीत लेकर ।

फ़िल्म- मेरे हमदम मेरे दोस्त, गीत- मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गायक- मोहम्मद रफ़ी

ये गीत भी दो बहरों का संगम है गौर कीजियेगा

मुखड़ा :
हुई शाम उनका ख़्याल आ गया
वही ज़िन्दगी का सवाल आ गया

( ख्याला गया )

122-122-122-12

अंतरा :

अभी तक तो होंठों पे था
तबस्सुम का इक सिलसिला ।

122-122-12

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