Tuesday, June 12, 2018

तकतीअ : ग़ज़ल : नज़्म

तकतीअ क्या है ?***** #Hint

ग़ज़ल:नज़्म

दोस्तो एक बात तो आप गिरह से बाँध लें कि बिना धुन/बहर के ग़ज़ल को आज़ाद नज़्म कहते है ।
ग़ज़ल नहीं और  सच कहूं तो आज़ाद नज़्म का काव्य में कोई भी स्थान नहीं है । हमारी तकतीअ की श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण बात पहले हमें शब्द का वज़्न करना आना चाहिए । इस विदा में अगर हम कमजोर हैं तो ग़ज़ल कहना बहुत मुश्किल होगा । इसके लिए हम पहले शब्द को तोड़ेंगे,  जिस आधार पर हम उसका उच्चारण करते हैं । शब्द की सबसे छोटी इकाई होती है वर्ण । तो शब्दों को हम वर्णों मे तोड़ेंगे । वर्ण वह ध्वनि हैं जो किसी शब्द को बोलने में एक समय मे हमारे मुँह से निकलती है और ध्वनियाँ केवल दो तरह की होती हैं या तो छोटी या बड़ी। शब्द देखिये :

जैसे:

बहारो

ब- छोटी ध्वनि
हा- बडी ध्वनि
रो- बड़ी ध्वनि

आदि ।

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