Saturday, May 12, 2018

एक गीत में दो बहरों का समावेश

#तकती
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दोस्तो आज फिर एक दो बहर का  मनभावन गीत आपकी अदालत में पेश है ।
बहर के लिहाज से बड़ा ही पेचीदा लेकिन मेरा  बहुत  ही मनपसंद गीत ।
 पेचीदा इस लिए कि इस गीत में भी दो बहरों का समावेश है ।
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गीत के बोल : और उसकी तकती
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फ़िल्म शर्त का ये गीत,संगीतकार: हेमंत कुमार गीतकार :एस.एच.बिहारी और गायक : हेमंत कुमार, गीता दत्त
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मुखड़ा
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न ये चाँद होगा न तारे रहेंगे
मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे

🌻122-122-122-122
बहर: मुतकारीब मुसम्मन सालिम
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अंतरा देखिये
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बिछड़कर चले जाएँ तुमसे कहीं
तो ये ना समझना मुहब्बत नहीं ।

🌻122-122-122-12
बहर :मुतकारीब मुसम्मन महज़ूफ़
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अब देखिए ऊपर गीत का अंतरा अगर हम नीचे वाले गीत के मुखड़े की तर्ज़ पर गायें तो :

🌹सुहाना सफर उर ये मौसम हँसी,
हमें डर है हम खो न जाएँ कहीं ।

🌻122-122-122-12
बहर :मुतकारीब मुसम्मन महज़ूफ़
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Sunday, May 6, 2018

बहर 11-212---11-212---11-212---11-212



#तकती

फ़िल्म है आकाश दीप, गीतकार : मजरूह सुलतानपुरी, गायक : मोहम्मद रफी, संगीतकार : चित्रगुप्त,
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बोल हैं:
मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था
मुझे आप किस लिये मिल गये?
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था मुझे
आप किस लिये मिल गये?
यूँ ही अपने अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं कहीं दूर तुम
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बहर:
11-212---11-212---11-212---11-212
इसमें 11 का 12 भी हो सकता है।
यानी 12-212 or 122-12
कामिल मुसम्मन सालिम
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