Saturday, August 20, 2016

हजज़ मुसम्मन सालिम

बहरे हजज़ मुसम्मन सालिम
1222 1222 1222 1222
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आइये  "आनंद बक्शी" द्वारा स्वर-बद्ध किया फिल्म 'मुक्ति' का
इस बहर पर एक पुराना नगमा और उसकी तकती देखें ...
उम्मीद है उत्सुक रीडर ज़रूर फायदा उठाएंगे

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😊सुहानी चाँदनी रातें, हमें सोने नहीं देतीं,
 तुम्हारे प्यार की बातें, हमें सोने नहीं देतीं ।
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---------------हर्ष महाजन